आयुष की संशोधित ईएसआई नीति को मंजूरी
नयी दिल्ली 27 जून (वार्ता) कर्मचारी राज्य बीमा निगम - ईएसआईसी ने समग्र, निवारक और सुविधापरक स्वास्थ्य सेवायें प्रदान करने के लिए ‘संशोधित ईएसआई आयुष नीति’ को स्वीकृति दे दी है।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में शुक्रवार को ईएसआईसी की 196वीं बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। यह नीति आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी जैसी पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को ईएसआईसी के स्वास्थ्य सेवा परिवेश में एकीकृत करने पर केंद्रित है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह नीति समग्र चिकित्सा सेवाओं को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे ईएसआईसी अस्पतालों में योग चिकित्सक और पंचकर्म विशेषज्ञों और परिचारकों की नियुक्ति हो सकेगी।
बैठक में राज्यसभा सांसद डोला सेन, लोकसभा सांसद एन.के. प्रेमचंद्रन, ईएसआईसी के महानिदेशक अशोक कुमार सिंह, राज्य सरकारों के प्रधान सचिव और सचिव, नियोक्ताओं, कर्मचारियों के प्रतिनिधि और केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय और ईएसआईसी के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
बैठक में निम्न सुविधा वाले क्षेत्रों में धर्मार्थ अस्पतालों के साथ साझेदारी करके ईएसआई लाभार्थियों के लिए स्वास्थ्य सेवा की पहुंच में सुधार करने के लिए एक परियोजना को मंजूरी दी गयी। ये अस्पताल ओपीडी से लेकर आपातकालीन देखभाल तक व्यापक सेवाएं प्रदान करेंगे। इस परियोजना की कुछ जिलों में शुरुआत की जाएगी। इसके अलावा देश भर में ईएसआई दायरा का विस्तार करने के उद्देश्य से नियोक्ता एवं कर्मचारियों के पंजीकरण को बढ़ावा देने की योजना को फिर से शुरू करने को मंजूरी दी गयी। योजना एक जुलाई से 31 दिसंबर 2025 तक खुली रहेगी।
बैठक में माफी योजना – 2025 को भी मंजूरी दी गयी। यह योजना एक अक्टूबर, 2025 से 30 सितंबर, 2026 तक चलेगी। इसका उद्देश्य कानूनी झगड़ों को कम करना और ईएसआई अधिनियम के तहत अनुपालन को बढ़ावा देना है।
इस योजना का उद्देश्य न्यायालय के बाहर विवादों के समाधान करना है।
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