लखनऊ 27 जून (वार्ता) उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रशासनिक लापरवाही पर कड़ा कदम उठाते हुए एक बार फिर लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। इस बार प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 के परती भूमि विकास विभाग के चार परियोजना प्रबंधकों और तीन अवर अभियंताओं को कर्तव्यहीनता के लिए उनके सेवा अभिलेखों में प्रतिकूल प्रविष्टि जारी की गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वरिष्ठ अधिकारियों को ऐसे मामलों की बारीकी से निगरानी करने और अनुशासनात्मक कार्रवाई के बाद भी इन अधिकारियों के आचरण में सुधार न होने पर कठोर कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है।परती भूमि विकास विभाग के तहत प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 के लिए राज्य स्तरीय नोडल एजेंसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जीएस नवीन ने शुक्रवार को यहां बताया कि परियोजनाओं की प्रगति का आकलन करने के लिए नियमित विभागीय समीक्षा की जा रही है। हाल ही में परियोजना प्रबंधकों और अवर अभियंताओं के साथ समीक्षा बैठक में अधिकारियों से पिछले पांच वर्षों में किए गए कार्यों का विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के अनुसार ब्योरा देने को कहा गया था। लेकिन, चार परियोजना प्रबंधक और तीन अवर अभियंता यह जानकारी देने में विफल रहे। वे चालू वित्तीय वर्ष की कार्ययोजना भी नहीं बता पाए।
तैयारी में इस कमी और दायित्वों के प्रति सुस्त रवैये के कारण उनके कार्य निष्पादन पर चिंता जताई गई। सीएम योगी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए कि यदि अनुशासनात्मक कार्रवाई के बाद भी ये अधिकारी नहीं सुधरे तो भविष्य में और सख्त कदम उठाए जाएं।
श्री नवीन ने आगे बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद चार परियोजना प्रबंधकों सुरेंद्र प्रताप सिंह (प्रयागराज), संजय कुमार (महोबा), देवेंद्र सिंह निरंजन (चित्रकूट कर्वी-द्वितीय) और चमन सिंह (प्रतापगढ़) को अपने कर्तव्यों में लापरवाही बरतने के लिए प्रतिकूल प्रविष्टि जारी की गई है।
इसी तरह, खराब प्रदर्शन के लिए तीन जूनियर इंजीनियरों - विश्वजीत यादव (प्रयागराज), दिनकर (प्रतापगढ़-I भूमि संरक्षण कार्यालय) और आशीष कुमार यादव को भी प्रतिकूल प्रविष्टि जारी की गई।
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