‘‘साफ सफाई का रखें ध्यान, बुखार हो तो जाएं नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र’’
गोरखपुर। जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ संजय कुमार और जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश झा ने मंगलवार को विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान और दस्तक अभियान का उद्घाटन किया। विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान एक जुलाई से शुरू होकर इकतीस जुलाई तक चलेगा, जबकि दस्तक अभियान ग्यारह जुलाई से शुरू होगा। एक माह तक चलने वाले विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत करीब एक दर्जन सरकारी विभाग आपसी समन्वय से संचारी रोगों से बचाव की गतिविधियों का आयोजन करेंगे और कई अहम जनजागरूकता संबंधी संदेश देंगे। लोगों को बताया जाएगा कि घर के अंदर और बाहर साफ सफाई का विशेष ध्यान रख कर चूहा, मच्छर और छछूंदर से बचाव करें। समझाया जाएगा कि पशुओं के मूत्र से भी संचारी रोगों का खतरा है, इसलिए उसका उचित निस्तारण किया जाए। साथ ही संदेश दिया जाएगा कि अगर किसी भी प्रकार का बुखार हो तो नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर ही जाएं।
अभियान का उद्घाटन करते हुए प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक और सीएमओ ने उपस्थित लोगों को संचारी रोगों से बचाव की शपथ दिलाई। इसके बाद प्रचार वाहनों को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ संजय कुमार ने कहा कि जिला अस्पताल में इंसेफेलाइटिस, डेंगू और मलेरिया आदि की जांच और इलाज की सुविधा उपलब्ध है। किसी भी प्रकार का बुखार होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाना चाहिए और संदर्भित किए जाने पर सरकारी एंबुलेंस के माध्यम से ही जिला अस्पताल आना चाहिए। अस्पताल में संचारी रोगों के मरीजों के लिए विशेष वार्ड बनाए गए हैं।
इस अवसर पर सीएमओ डॉ राजेश झा ने कहा कि विशेष अभियान के जरिये जापानीज इंसेफेलाइटिस (जेई) और एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईस) पर प्रभावी नियंत्रण बनाए रखना है। हमारा प्रयास होना चाहिए कि बुखार के प्रत्येक रोगी को नजदीकी चिकित्सा केंद्र पर इलाज मिले। साथ ही अगर जेई एईएस के नये मामले सामने आएं तो उनका बेहतर सर्विलांस हो। उन्होंने बताया कि जेई से पिछले पांच वर्षों में जिले में कोई मौत नहीं हुई है। पिछले साल इसका केवल एक मरीज निकला था। इस साल अभी तक इसका कोई केस भी सामने नहीं आया है। जनजागरूकता, सरकारी और सामुदायिक प्रयासों से संचारी रोगों पर इसी प्रकार प्रभावी नियंत्रण बनाए रखना है। इस कार्य में सामुदायिक सहयोग की सबसे अहम भूमिका है। लोगों को यह बताना होगा कि बुखार के मामलों में वह 108 नंबर एम्बुलेंस की निःशुल्क सेवा का लाभ लेते हुए नजदीकी सरकारी अस्पताल पहुंच सकते हैं। मानसून को देखते हुए डेंगू के प्रति सतर्क रहना होगा। कहीं भी साफ पानी का जमाव न होने दें।
सीएमओ डॉ झा ने बताया कि एक माह तक चलने वाले विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान में करीब एक दर्जन विभाग आपसी समन्वय के साथ काम करेंगे। इनमें नगर विकास, पंचायती राज, आईसीडीएस, शिक्षा विभाग, कृषि विभाग, उद्यान विभाग और ग्राम्य विकास विभाग प्रमुख तौर पर शामिल हैं। मच्छरों से बचाव, शुद्ध पेयजल की उपलब्धता, साफ सफाई, कृतकों का नियंत्रण, कुपोषित बच्चों का इलाज, बुखार के रोगियों को अस्पताल पर भिजवाना व जनजागरूकता गतिविधियां एक माह तक विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत चलेंगी।
सीएमओ ने बताया कि ग्यारह जुलाई से शुरू हो रहे दस्तक अभियान के दौरान आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर घर जाकर बुखार के रोगियों, टीबी, मलेरिया, फाइलेरिया और कुष्ठ आदि के संभावित रोगियों को चिन्हित करेंगी तथा उनकी लाइन लिस्टिंग कर उन्हें इलाज के लिए संबंधित अस्पताल भेजेंगी। इस बार के अभियान में डायरिया की रोकथाम पर विशेष जोर होगा। इसके तहत जनजागरूकता के साथ साथ ओआरएस के पैकेट और जिंक की गोलियां भी वितरित की जाएंगी।
इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला मलेरिया अधिकारी, मलेरिया निरीक्षक, विभिन्न विभागों के अधिकारी और सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधिगण भी प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।
ई-आरोग्य पाठशाला में भी संचारी रोगों पर हुई बात
सीएमओ की पहल पर शुरू हुई ई-आरोग्य पाठशाला में भी इस मंगलवार को संचारी रोगों की प्रभावी रोकथाम पर बात हुई। बतौर विषय विशेषज्ञ सीएमओ डॉ राजेश झा ने सभी सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) से कहा कि संचारी रोगों से बचाव के कदम उठाने के साथ साथ बुखार होने की स्थिति में उसका उचित प्रबंधन बहुत जरूरी है। आशा कार्यकर्ता के माध्यम से सुनिश्चित किया जाए कि तेज बुखार का हर मरीज नजदीकी अस्पताल ही पहुंचे। समुदाय तक उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं की भी जानकारी पहुंचाएं ताकि लोग झोलाछाप चिकित्सकों के पास न जाएं। एम्बुलेंस सेवा का भी प्रचार प्रसार किया जाए। ई आरोग्य पाठशाला में इस बार सीएचओ के साथ साथ सामूहिक तौर पर आशा कार्यकर्ताओं को भी वर्चुअली जोड़ा गया और उन्हें संचारी रोगों की रोकथाम में प्रभावी हस्तक्षेप के तरीके बताए गए।
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