‘‘सिर्फ इलाज ही नहीं सम्पूर्ण आरोग्य प्रदान करना हो लक्ष्य’’
गोरखपुर। जिले के नगरीय स्वास्थ्य केंद्रों पर एक्सपेंडेड सर्विस पैकेज को लेकर सीएमओ कार्यालय के प्रेरणा श्री सभागार में बुधवार को रिफ्रेशर प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ राजेश झा ने कहा कि जो भी मरीज या लाभार्थी सरकारी तंत्र में आते हैं उन्हें गुणवत्तापूर्ण सेवा देने के साथ साथ उनका सही तरीके से फॉलो अप किया जाना चाहिए। हमारा लक्ष्य सिर्फ मरीज का इलाज करना ही नहीं, बल्कि उसे सम्पूर्ण आरोग्य प्रदान करना हो। सीएमओ ने बताया कि समन्वित और सामूहिक प्रयासों से नगरीय स्वास्थ्य केंद्रों पर ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ी है। तेईस में से बीस केंद्रों पर डिजिटल पर्चे बनने लगे हैं। साथ ही जांचों की सुविधा भी बढ़ी है।
सीएमओ डॉ झा ने कहा कि अगर हमारे स्वास्थ्य केंद्र पर कोई उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) की महिला आती है तो न केवल उसकी स्क्रीनिंग कर प्राथमिक चिकित्सा देनी है, बल्कि उसका लगातार फॉलो अप और प्रबंधन किया जाना चाहिए। इसके लिए हमारे प्रत्येक केंद्र के पास एचआरपी की सूची होनी चाहिए। साथ ही आशा और एएनएम के पास भी उनके क्षेत्र की एचआरपी की अद्यतन सूची होनी चाहिए जिसके आधार पर वह निरंतर फॉलो अप करें। इसी प्रकार टीबी के मरीजों में हमे देखना होगा कि कौन से मरीज सहरुग्णता के कारण जटिलताओं वाली श्रेणी में हैं। ऐसे लोगों पर विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि मृत्यु के जोखिम को कम किया जा सके। अन्य सभी गैर संचारी बीमारियों जैसे मधुमेह, बीपी, कैंसर आदि की स्क्रीनिंग और फॉलो अप से समुदाय को आरोग्य प्रदान किया जा सकता है।
प्रशिक्षण कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ डॉ गरिमा ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की पुरानी अवधारणा अब बदल चुकी है। अब चिकित्सक की भूमिका सिर्फ रिपोर्ट देखने और दवा लिखने तक नहीं रह गई है। सरकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों से मरीज और लाभार्थी को जोड़ते हुए उसका निरंतर फॉलो अप किया जाना चाहिए। एक ऐसा मैकेनिज्म विकसित हो कि जो मरीज या लाभार्थी स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचे वह संदर्भन के बाद भी सही दिशा में सेवाओं का लाभ पा सके। उसका सामुदायिक फॉलो अप भी किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर एसीएमओ आरसीएच डॉ एके चौधरी, डीसीपीएम रिपुंजय पांडेय, शहरी स्वास्थ्य मिशन के समन्वयक सुरेश सिंह चौहान और विभिन्न केंद्रों के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।
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