कैंसर पर होगा वार, रोडमैप हो रहा है तैयार
गोरखपुर। जिले में कैंसर पर समन्वित और साझा रणनीति से वार करने की तैयारी है। इसके लिए साझा रोडमैप भी तैयार किया जा रहा है। इसी कड़ी में बुधवार को देर रात तक शहर के एक निजी होटल में स्वास्थ्य विभाग ने जिले के उच्चतम चिकित्सा संस्थानों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। सहयोगी संस्था जपाइगो की मदद से हुई इस बैठक के दौरान साझा रणनीति बनाने पर विस्तार से विचार विमर्श हुआ। इस समन्वित पहल का मुख्य लक्ष्य सर्वाइकल कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और ओरल कैंसर के मरीजों में कैंसर संबंधी जटिलताएं बढ़ने से पहले उन्हें ढूंढ कर शीघ्र इलाज करना है।
बैठक के दौरान स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सीएमओ डॉ राजेश झा ने कैंसर की पहचान और इलाज के संबंध में सभी वरिष्ठ प्रतिभागियों से आवश्यक सुझाव मांगे। एम्स गोरखपुर की तरफ से स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ शिखा सेठ, कम्युनिटी मेडिसिन विभाग से डॉ रामशंकर रथ, डॉ प्रदीप खरया, डॉ प्रीती प्रियदर्शिनी, बीआरडी मेडिकल कॉलेज की तरफ से स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ रुमा सरकार, महायोगी गोरखनाथ विश्विद्यालय के श्री गोरखनाथ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की तरफ से प्रधानाचार्य डॉ अनुराग श्रीवास्तव, हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर अस्पताल की तरफ से वहां के संयुक्त सचिव रसेदुं फोगला और जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ संजय कुमार ने कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। एनएचएम के डिवीजनल प्रोग्राम मैनेजर अरविंद पांडेय, विषय विशेषज्ञ डॉ संजय, डॉ गरिमा और डॉ मुस्तफा खान ने भी समुदाय स्तर से कैंसर के पहचान और इसके लिए आवश्यक क्षमता संवर्धन को लेकर सुझाव साझा किए। इन सुझावों के आधार पर एक साझा रणनीति बनाई जा रही है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश झा ने बताया कि सबसे पहले चिकित्सा अधिकारियों का प्रशिक्षण कराया जाएगा और उन्हें हैंड होल्डिंग ट्रेनिंग भी दी जाएगी। इसके बाद सीएचओ और एएनएम का भी प्रशिक्षण किया जाएगा ताकि समुदाय स्तर से कैंसर के मरीज खोजे जा सकें। लोग ओरल कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर की खुद पहचान कर सकें, इसके लिए आशा कार्यकर्ताओं के भी क्षमता संवर्धन की तैयारी है। सभी प्रतिभागियों की तरफ से मिले सुझाव के अनुसार कैंसर से संबंधित प्रचार प्रसार को लेकर भी व्यापक रणनीति बनाई जाएगी। इस अभियान से शिक्षण संस्थाओं को भी जोड़ने के बारे में चर्चा की गई।
इस अवसर पर एसीएमओ आरसीएच डॉ एके चौधरी, जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ बीके सुमन,बीआरडी मेडिकल कॉलेज से एसोसिएट प्रोफेसर डॉ शालिनी सिंह और डॉ मन्नान खां व एनएचएम के जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज आनंद ने भी चर्चा में हिस्सा लिया।
इसलिए हो रही है पहल
सीएमओ डॉ झा ने बताया कि सर्वाइकल, ओरल और ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में अगर शीघ्र पहचान हो जाती है तो बिना जटिल सर्जरी के भी इसे ठीक किया जा सकता है। उच्चतम चिकित्सा संस्थानों का आब्जर्वेशन है कि उनके पास अधिकतर मरीज बीमारी होने के बाद लेटर स्टेज में आते हैं । कुछ तो इतनी देरी से आते हैं कि उनके जीवन के लिए खतरा पैदा हो जाता है। ऐसे में अगर समुदाय स्तर से शुरूआती स्टेज के मरीजों को ढूंढ कर उनका समय से इलाज कर दिया जाए तो कैंसर के कारण पैदा होने वाली जटिलताओं और मृत्यु को रोका जा सकता है।
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