नई परंपरा नहीं, परंपरागत मार्गों पर ही निकलेंगे जुलूस - जिलाधिकारी
डीएम ने स्पष्ट निर्देश दिए कि आगामी पर्वों में किसी भी नई परंपरा की शुरुआत नहीं की जाएगी। सभी जुलूस केवल परंपरागत मार्गों पर ही निकाले जाएंगे और इस दौरान शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी होगी। उन्होंने कहा कि यदि कोई असामाजिक तत्व माहौल बिगाड़ने का प्रयास करता है तो तुरंत पुलिस को सूचना दें, ताकि समय रहते त्वरित कार्रवाई की जा सके और किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिया कि जुलूस मार्गों पर नालों की सफाई, अपशिष्ट निस्तारण, लाइटिंग की समुचित व्यवस्था तथा छुट्टा पशुओं पर नियंत्रण सुनिश्चित करें। वहीं, विद्युत विभाग को आदेशित किया गया कि जुलूस मार्गों पर लटके हुए जर्जर तारों को तत्काल दुरुस्त किया जाए, जिससे किसी दुर्घटना की आशंका न रहे।
पुलिस अधीक्षक (नगर) अभिनव त्यागी ने बताया कि सभी थानाध्यक्षों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि असामाजिक तत्वों पर कठोरतम कार्रवाई की जाए और किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि जुलूसों में लगाए जाने वाले डीजे की ऊंचाई मानक के अनुसार होनी चाहिए और सौहार्द बिगाड़ने वाले गाने या नारे पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेंगे। इसके साथ ही सभी पंडालों में सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य रूप से लगाए जाएंगे और जिन सुरक्षा कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है, वे जुलूस स्थल पर हर हाल में मौजूद रहें।
बैठक में शांति एवं सद्भावना समिति के सदस्य सरदार बलवीर सिंह, आदिल अमीन, अचित लाहिरी, मुर्तुजा हुसैन रहमानी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व सम्मानित सदस्य उपस्थित रहे।
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