रेलवे अस्पताल में किया मच्छरों पर वार,अधिकारियों-कर्मचारियों का हुआ संवेदीकरण
सीएमओ डॉ राजेश झा ने इस अवसर पर कहा कि स्वास्थ्य विभाग के साथ संयुक्त एंटी लार्वल कार्रवाई का फायदा यह होगा कि रेलवे अस्पताल, रेलवे स्टेशन, यांत्रिक कारखाना, आवासीय कॉलोनी आदि में खुद इस कार्रवाई को संचालित कर सकेगा। डेंगू के प्रवासी मरीजों से बीमारी के प्रसार के खतरे को कम करने के लिए जरूरी है कि रेलवे स्टेशन पर विशेष तौर से मच्छर रोधी कार्रवाई की जाए। इस कार्य में संवेदीकरण कार्यशाला अहम भूमिका निभाएगी।
मंडलीय कीटविज्ञानी डॉ वीके श्रीवास्तव ने यू ट्यूब फिल्म के जरिये डेंगू के प्रति समाज में व्याप्त मिथक और भ्रांतियों के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि डेंगू एक साधारण बीमारी है, जिसका प्रसार दर अधिक है। यह बीमारी खतरनाक तभी होती है जब हम लापरवाही करते हैं। इसका मच्छर साफ व ठहरे हुए पानी और छोटे जलस्रोतों में पनपता है। अगर छोटे जलस्रोतों के ऐसे जलजमाव को होने से रोका जाए और एंटी लार्वल का छिड़काव हो तो वाहक मच्छरों से बचाव हो सकता है।
जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने कहा कि डेंगू के लक्षण दिखते ही यथाशीघ्र प्रशिक्षित चिकित्सक से जांच और इलाज करवाने पर मरीज घर पर ही ठीक हो जाता है। इलाज में देरी करने और अपने मन से दवाएं खाने से जटिलताएं बढ़ती हैं और कई बार गंभीर अवस्था में मरीज को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता है। डेंगू के संक्रमण से बचने के लिए पूरी बांह के कपड़े पहनने चाहिए और अपने घर, कार्यस्थल, दुकान आदि किसी भी जगह पर साफ पानी इकट्ठा न होने दें। कूलर, गमलों, एसी, पशुओं के पात्र, नारियल के खोल आदि की साफ-सफाई करते रहें।
रेलवे अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ एए खान ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम संबंधी कार्रवाई के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। उन्होंने रेलवे से जुड़े सभी परिसरों में मच्छर रोधी कार्रवाई को आगे बढ़ाने का आश्वासन भी दिया ताकि डेंगू और मच्छरजनित अन्य बीमारियों पर प्रभावी नियंत्रण रहे।
इस अवसर पर सहायक मलेरिया अधिकारी प्रभात रंजन सिंह, मलेरिया निरीक्षक और रेलवे अस्पताल के अधिकारी और कर्मचारी प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।
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