आंगनवाड़ी केंद्रों को स्कूलों के साथ स्थापित करने के लिए दिशानिर्देश" जारी
नयी दिल्ली, 03 सितंबर (वार्ता ) सरकार ने आंगनवाड़ी केंद्रों को स्कूलों के साथ एक ही स्थान पर स्थापित करने के लिए संयुक्त रूप से दिशानिर्देश जारी किये हैं ताकि नवजात शिशु और प्री-स्कूल जाने वाले बच्चों की बेहतर देखरेख सुनिश्चित की जा सके।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने बुधवार को राजधानी में विज्ञान भवन में एक कार्यक्रम में संयुक्त रूप से इन दिशानिर्देशों का लोकार्पण किया। श्री प्रधान ने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री के 'विकसित भारत' के विजन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।नयी शिक्षा नीति 2020 में कहा गया है कि देश भर में उच्च गुणवत्ता वाली "प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा" ( ईसीसीई) तक सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए " ईसीसीई को प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा संस्थानों की एक महत्वपूर्ण रूप से विस्तारित और मजबूत प्रणाली के माध्यम से वितरित किया जायेगा।
इसके अंतर्गत अकेले चल रहे आंगनवाडी केंद्रों, प्राथमिक विद्यालयों के साथ स्थित आंगनवाडी; पूर्व-प्राथमिक विद्यालय/सेक्शन जो कम से कम पांच से छह वर्ष की आयु को कवर करते हैं, मौजूदा प्राथमिक विद्यालयों के साथ स्थित हैं; तथा अगले चल रहे प्री-स्कूल - जिनमें से सभी ईसीसीई के पाठ्यक्रम और शिक्षाशास्त्र में विशेष रूप से प्रशिक्षित श्रमिकों/शिक्षकों की भर्ती करेंगे।"
शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि नयी शिक्षा नीति की इसी भावना के साथ, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (डीओएसईएंडएल), शिक्षा मंत्रालय ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सहयोग से निम्नलिखित उद्देश्यों के साथ “आंगनवाड़ी केंद्रों को स्कूलों के साथ एक-स्थान पर स्थापित करने के लिए दिशानिर्देश” शुरू किये हैं। इसका उद्येश्य प्राथमिक विद्यालयों में आंगनवाड़ी केन्द्र से कक्षा एक तक बच्चों की स्कूल तैयारी और सुचारू स्थानांतरण सुनिश्चित करना।
इन दिशानिर्देशों का उद्येश्य यह भी है कि इससे बच्चों के समग्र विकास के लिए आनंददायक शिक्षण अनुभव और प्रेरक वातावरण प्रदान करने हेतु आंगनवाड़ी केन्द्रों और प्राथमिक विद्यालयों के बीच बेहतर संबंध और समन्वय स्थापित हो ताकि बच्चे अच्छी तरह से सीख-पढ़ सकें।
श्री प्रधान ने कहा कि विकसित भारत का लक्ष्य तभी प्राप्त होगा जब आने वाले दिनों में हम हर गर्भवती मां, नवजात शिशु और प्री-स्कूल जाने वाले बच्चे की पूरी देखभाल सुनिश्चित करेंगे।मंत्री ने ऐसी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ("दीदी") के लिए आगे की शिक्षा प्राप्त करने का एक समर्पित शिक्षण मॉड्यूल बनाने का प्रस्ताव रखा जो जिन्होंने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई नहीं की है, लेकिन वे आगे की पढ़ाई करने की इच्छुक हैं।
उन्होंने बच्चों के भविष्य को आकार देने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) जैसी आधुनिक इन तकनीकों का उपयोग करने के महत्वपूर्ण को भी रेखांकित किया उन्होंने यह भी बताया कि अगले तीन वर्षों में देश भर के लगभग दो लाख निजी और सरकारी हाई स्कूलों को ब्रॉडबैंड से जोड़ दिया जायेगा।
श्री प्रधान ने कहा कि देश के लगभग 15 करोड़ बच्चों की उचित देखभाल और स्वास्थ्य सुनिश्चित करना हमारी सामूहिक ज़िम्मेदारी है।
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