चंद्रयान साइब फिजिकल सिस्टम का एक बेहतरीन उदाहरण: डा सोमनाथ

कानपुर, 31 अक्टूबर (वार्ता) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष डा एस सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान साइब फिजिकल सिस्टम का एक बेहतरीन उदाहरण है, जिसमें चंद्रयान 2 के लिए तैयार किए गए सॉफ्टवेयर को अपग्रेड करके चंद्रयान 3 के सफल लॉन्च के लिए इस्तेमाल किया गया।

इंडियन नेशनल एकेडमी आफ इंजीनियरिंग (आईएनएई) द्वारा देश के प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों के साथ संयुक्त रूप से ‘इंजीनियर्स कॉन्क्लेव 2025 का आयोजन 28 और 29 अक्टूबर को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर में किया गया जिसमें देशभर के प्रतिष्ठित इंजीनियरों, वैज्ञानिकों, तकनीकी विशेषज्ञों, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों और नीति निर्माताओं ने भाग लिया।
डॉ. एस. सोमनाथ ने कहा कि “ साइबर-फिजिकल सिस्टम्स चिकित्सा, विनिर्माण और अन्य अनेक क्षेत्रों में अपार संभावनाएं रखते हैं। कॉन्क्लेव के लिए चुने गए साइबर-फिजिकल सिस्टम और इंटेलिजेंस इंजीनियरिंग के विषय सरकार के मिशन मोड के हिसाब से हैं और इसके अच्छे नतीजे भी दिख रहे हैं। चंद्रयान साइब फिजिकल सिस्टम का एक बेहतरीन उदाहरण है, जिसमें चंद्रयान 2 के लिए तैयार किए गए सॉफ्टवेयर को अपग्रेड करके चंद्रयान 3 के सफल लॉन्च के लिए इस्तेमाल किया गया। हम सभी साइबर फिजिकल सिस्टम का हिस्सा हैं।”
कॉन्क्लेव की दो मुख्य थीम “इंटेलिजेंट सिस्टम्स ” का समन्वय आईआईटी कानपुर के विद्युत अभियंत्रण विभाग के प्रो. आदित्य के. जगन्नाथम ने और “ इंटरडिसिप्लिनरी साइबर-फिजिकल सिस्टम्स” का समन्वय आईएनएई के उपाध्यक्ष, पूर्व निदेशक आईआईटी जोधपुर एवं वर्तमान में आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर, प्रो. संतनु चौधुरी ने किया। ये दोनों विषय भारत की आर्थिक प्रगति, सामाजिक विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
आईएनएई के प्रेसिडेंट जे.डी. पाटिल ने कहा, “यह कॉन्क्लेव इस बात का जीता-जागता उदाहरण है कि कैसे एकेडेमिया और इंडस्ट्री मिलकर पॉलिसी बना सकते हैं, इंजीनियरिंग एजुकेशन पर असर डाल सकते हैं और राष्ट्र निर्माण के लिए स्वदेशी इनोवेशन को बढ़ावा दे सकते हैं।“
आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने कहा कि संस्थान में साइबर-फिजिकल सिस्टम्स से जुड़ी कई गतिविधियां चल रही हैं, जिनमें नए शोध कार्यक्रम, तकनीकी जनशक्ति का प्रशिक्षण, स्टार्टअप्स को सहयोग और मेंटरिंग कार्यक्रम शामिल हैं। उन्होंने कहा, “भारत के इंजीनियरिंग क्षेत्र का भविष्य विभिन्न विषयों के मिलकर काम करने में है, जैसे इंटेलिजेंट सिस्टम्स और साइबर-फिजिकल टेक्नोलॉजी जो हमें आत्मनिर्भर और डिजिटल रूप से सशक्त भारत बनाने की दिशा में आगे बढ़ा सकते हैं।
दो दिन के इस इवेंट में प्लेनरी टॉक्स, पैरेलल टेक्निकल सेशन और नेटवर्किंग इंटरैक्शन हुए। इसने जाने-माने इंजीनियरिंग एक्टसपर्ट्स, एकेडमिक्स, टेक्नोलॉजी लीडर्स और एडमिनिस्ट्रेटर्स को दो थीम्स पर अच्छे नतीजों के साथ सार्थक बातचीत करने के लिए एक डायनामिक प्लेटफॉर्म दिया। इवेंट की खात बातों में दोनों थीम्स पर पैरेलल टेक्निकल सेशन शामिल खे, जिससे डेलीगेट्स को लेटेस्ट टेक्नोलॉजिकल डेवलपमेंट, चुनौतियों और संबंधित क्षेत्रों में ग्रोथ के स्कोप के बारे में जानकारी हासिल करने का अवसर मिला।

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