विपक्ष के वोट कटवाने की दिशा में काम कर रहा है चुनाव आयोग : अखिलेश

लखनऊ 1 दिसम्बर (वार्ता) समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्रीय निर्वाचन आयोग पर बड़ा आरोप लगाते हुये कहा कि ऐसा लग रहा है कि चुनाव आयोग विपक्ष के वोट कटवाने की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा खासकर उत्तर प्रदेश में हार के बाद बेचैनी में है, जबकि यूपी और पश्चिम बंगाल में चुनाव अभी दूर हैं। फिर भी सरकार और आयोग द्वारा की जा रही जल्दबाजी कई सवाल खड़े करती है।

सोमवार को संसद परिसर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि लोकतंत्र मजबूत हो और संविधान के तहत पीडीए समाज को अधिकार मिले, इसके लिए निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित होना चाहिए। बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने नागरिकों को स्वतंत्र रूप से वोट डालने का अधिकार दिया है और यह अधिकार सुरक्षित रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि एसआईआर प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं है। बीएलओ की मौतों को “ड्रामा” कहना गलत है। सर्वेश गंगवार, विजय वर्मा, विपिन यादव और अंजू दुबे की मौतें कार्यभार के अत्यधिक दबाव का परिणाम हैं। बीएलओ को उचित प्रशिक्षण नहीं मिला, कई गणना प्रपत्र तक नहीं भर पा रहे हैं और अपलोड करना भी उनके लिए कठिन कार्य साबित हो रहा है।
श्री यादव ने कहा कि भाजपा ने एसआईआर ऐसे समय शुरू कराया है जब शादियों का सीजन है, ताकि अधिक लोग दस्तावेज अपडेट न करा सकें और परिणामस्वरूप वोट कट जाएँ। भाजपा बड़ी आईटी कंपनियों की मदद ले रही है और विशेषकर उन बूथों पर एसआईआर का उपयोग कर रही है जहाँ वह पिछली बार हारी थी। उन्होंने कहा कि सांसद राजीव राय के अनुसार घोसी क्षेत्र में 20,000 वोट पहले ही काटे जा चुके हैं, जबकि प्रक्रिया अभी प्रारंभिक स्तर पर है।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार फर्जी डेटा तैयार करने में माहिर है। चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि सभी को निष्पक्ष वातावरण में मताधिकार प्राप्त हो, लेकिन आयोग शिकायतों पर सुनवाई नहीं कर रहा। जनता ने देखा कि कैसे एक पुलिसकर्मी ने रिवॉल्वर दिखाकर मतदाताओं को मतदान से रोका।
उन्होंने कहा कि भाजपा का लक्ष्य किसी भी तरह चुनाव जीतना है, जबकि समाजवादी पार्टी अपने वोट बचाने की लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने कहा कि बाहर काम करने वाले लोग वोट कहाँ बनवाएँ? एसआईआर में जाति का कॉलम होना चाहिए तथा जातीय जनगणना से स्थिति और स्पष्ट होती। उन्होंने कहा कि मतदाता जागरूक हैं। जैसे उन्होंने 2024 में हिसाब किया, वैसे ही 2027 में और बेहतर हिसाब करेंगे।

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