ईवी चार्ज पॉइंट ऑपरेटरों को 10 लाख रुपये तक पूंजी अनुदान का मार्ग प्रशस्त
ईवी चार्ज पॉइंट ऑपरेटरों को 10 लाख रुपये तक पूंजी अनुदान का मार्ग प्रशस्त
लखनऊ, 30 जून (वार्ता) इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) इकोसिस्टम को सुदृढ़ करने और सेवा प्रदाताओं को सशक्त बनाने की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार ने चार्जिंग स्टेशनों की अपस्ट्रीम अवस्थापना लागत को ईवी सब्सिडी ढांचे में सम्मिलित करने को स्वीकृति प्रदान की है।अधिकृत सूत्रों ने सोमवार को बताया कि यह सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों (पीसीएस) की क्षमता और व्यावसायिक व्यवहार्यता बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। प्रदेश में इस नीति के क्रियान्वयन के लिए इन्वेस्ट यूपी नोडल एजेंसी है।
उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण एवं गतिशीलता नीति–2022 में किए गए इस संशोधन से चार्ज पॉइंट ऑपरेटर्स की एक प्रमुख समस्या का समाधान होगा। इससे पहले अपस्ट्रीम लागत को पात्र निवेश में शामिल नहीं किए जाने के कारण वे न्यूनतम 25 लाख रुपये की निवेश सीमा पूरी नहीं कर पा रहे थे और सब्सिडी से वंचित रह जाते थे।
उन्होने बताया कि नीति के अंतर्गत राज्य में चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना करने वाले ऑपरेटरों को आकर्षक प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं। उन्हें एक बार (एकल) पूंजी अनुदान दिया जाता है, जिसमें भवन निर्माण, सिविल वर्क्स, चार्जर, अपस्ट्रीम इंफ्रास्ट्रक्चर (मीटर तक और मीटर के पीछे), बैटरी उपकरण, यूटिलिटीज, उपकरण और अन्य संबंधित परिसंपत्तियों (भूमि लागत को छोड़कर) पर हुए निवेश की 20 प्रतिशत राशि, अधिकतम 10 लाख रुपये प्रति इकाई तक सब्सिडी के रूप में दी जाती है।
गौरतलब है कि भारत के तीसरे सबसे बड़े ऑटोमोबाइल बाजार उत्तर प्रदेश में अब तक 12 लाख 72 हजार 206 इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत हो चुके हैं। विकास की इस गति को बनाए रखने के लिए, 450 से अधिक चार्जिंग स्टेशनों को जीआईएस डैशबोर्ड पर जोड़ा जा रहा है। 740 से अधिक ईवी बसें प्रमुख मार्गों पर तैनात की गई हैं और 15 शहरों में 116 ग्रीन रूट्स की पहचान की गई है, जिन पर अगले चरण में ईवी बसें चलाई जाएंगी।

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