कथावाचक का अपमान सनातन संस्कृति का अपमान:प्रबोधनंद गिरि

 


कथावाचक का अपमान सनातन संस्कृति का अपमान:प्रबोधनंद गिरि

अमरोहा, 30 जून (वार्ता) अखिल भारतीय हिंदू रक्षा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधनंद गिरि सोमवार को यहां हरिद्वार जाते समय उत्तर प्रदेश के मंडी धनौरा (अमरोहा) में अल्प प्रवास के दौरान उन्होंने कहा कि कथा वाचक अपमान प्रकरण अत्यंत दुखद है। कोई भी ज्ञानी वह चरित्रवान हिंदू कथा वाचक हो सकता है, सनातन संस्कृति सभी को समान अधिकार देती है।
उन्होंने कहा कि कथावाचक अपमान प्रकरण को यादव व ब्राह्मण के नजरिए से नहीं देखना दुर्भाग्यपूर्ण है। उक्त दोनों व्यक्ति पूर्व परिचित थे तथा यह उन दोनों का व्यक्तिगत झगड़ा था जिसे जातीय रूप दे दिया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी (सपा) सुप्रीमो अखिलेश यादव इसमें संकीर्ण राजनीति कर रहे हैं और वह यादव वंश को हिंदू धर्म से अलग कर यादव मुस्लिम गठजोड़ की राजनीति करना चाहते हैं जो कदापि सफल नहीं हो सकता। देश के संत समाज के लिए यह स्वीकार्य नहीं है।
घटना की घोर निन्दा करते हुए कहा कि भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संभल में दर्जनों मंदिर दबे पड़े हैं जिन पर मुस्लिम वर्ग ने अतिक्रमण किया हुआ है। प्रशासन इन सब मंदिरों को खोज कर इनका पुनः उद्धार करें।
उल्लेखनीय है कि 21 जून 2025 को इटावा के बकेवर थाना क्षेत्र के दांदरपुर गांव में भागवत कथा के दौरान कथावाचकों से मारपीट की घटना हुई थी।कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहयोगी संत सिंह यादव के साथ कथित मारपीट और अपमानजनक व्यवहार का मामला तब सामने आया था, जब कुछ ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि कथावाचकों की जाति (यादव) है और उन्होंने झूठ बोलकर खुद को ब्राह्मण बताया।
स्वामी प्रबोधानंद गिरी का मंडी धनोरा पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर सर्वानंद गिरी, त्रिलोक कुमार, डॉ यतींद्र कटारिया आदि उपस्थित रहे।

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