अधिकारियों को जनता के प्रति संवेदनशील रवैया अपनाना होगा: शर्मा
लखनऊ, 30 जुलाई (वार्ता) उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों को सख्त निर्देश देते हुये कहा कि ऊर्जा विभाग के कार्यों को जनता के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए डिस्कॉम तथा क्षेत्रीय अधिकारियों को हमेशा तत्पर रहना होगा।शर्मा ने कहा है कि कुछ ही समय के बिजली बिल के छोटे-छोटे बकाया होने पर या उपभोक्ता द्वारा तुरंत बिल जमा करने की तैयारी बताने पर भी कनेक्शन काट दिया जा रहा है। ऐसा करने वाले बिजली कर्मियों पर कार्यवाही की जाएगी।
कुछ लोगों का बिल बकाया होने पर पूरे फीडर या गाँव की लाइन नहीं काटी जाय। उसमें आने वाले उन उपभोक्ताओं की क्या गलती है जो समय से बिल भर रहे हैं। जो बकायेदार हैं उनके सामने अलग से कार्यवाही की जाय।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि ऐसे फीडर पर जला हुआ ट्रांसफार्मर नहीं बदलना या उच्चीकरण नहीं करना भी न्यायसंगत नहीं है। ट्रांसफार्मर बदलना और राजस्व वसूल करना दोनों प्रक्रिया अलग-अलग की जायें। उन्होंने कहा है कि कई बार फीडर और ट्रांसफार्मर ओवरलोड होने और बार-बार बिजली ट्रिप होने या लो वोल्टेज होने के बावजूद ट्रांसफार्मर का उच्चीकरण यूँ कहकर नहीं हो रहा कि ऑफिसियल लोड ज़्यादा नहीं है। या उस पर लाईन लॉस ज़्यादा है।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि यह स्पष्ट किया जाता है कि बिजली चोरी रोकना हमारी प्राथमिकता है लेकिन उसके लिए अलग कार्यवाही की जाये। चोरी रोकने के लिए बिजली ही रोक देने की बात उचित नहीं है।
मंत्री ने कहा कि ट्रांसफार्मर जलने के बाद कई दिन तक रिपोर्ट नहीं होता। अनेक कारणों के साथ इसलिए भी बदलने में विलंब होता है। ट्रांसफार्मर की उपलब्धि से लेकर उसे लगाने में विलंब के लिए जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध कार्यवाही सुनिश्चित की जाय।
उन्होंने कहा कि ग़लत बिल की शिकायतें विशेष चिंता का विषय है। इसके साथ कुछ कर्मियों के भ्रष्टाचार की भी शिकायतें आती रहती हैं। कंप्यूटर जनित बिल भी ग़लत हो रहे हैं। इन प्रक्रियाओं में हो रही त्रुटि पर पूर्णविराम लगना आवश्यक है।
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