यूपी में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच गूंज रही है ‘कबूल है’ की आवाज

लखनऊ 30 जुलाई (वार्ता) सामूहिक विवाह योजना के तहत उत्तर प्रदेश में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच ‘कबूल है’ कि आवाज भी गूंज रही है। यूपी में बीते आठ साल में अब तक मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सरकार 4,77,680 लोगों के हाथ पीले करा चुकी है जबकि योजना पर 2378.1189 लाख रुपये खर्च कर चुकी है। कुल मिलाकर योजना में अल्पसंख्यकों की भी भागीदारी बढ़ चढ़ कर देखने को मिल रही है।

सामूहिक विवाह योजना के तहत केवल अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के निर्धन परिवार ही नही अपितु सामान्य और अन्य पिछड़ा वर्ग सहित अल्पसंख्यक वर्ग के परिवारों की भी बेटियां शामिल हैं। समाज कल्याण विभाग के अनुसार वित्तीय सत्र 2017-18 में जहां अल्पसंख्यक वर्ग के 1635 लोगों के सरकार ने निकाह कराया तो वहीं पर अन्य पिछड़ा वर्ग के 4957, एससी/एसटी के तहत 7141 और सामान्य वर्ग की 847 जोड़ों की शादियां कराई।
वित्तीय सत्र 2018-19 में जहां अल्पसंख्यक वर्ग के 4973 लोगों के सरकार ने निकाह कराया तो वहीं पर अन्य पिछड़ा वर्ग के 13866, एससी/एसटी के तहत 21623 और सामान्य वर्ग की 1853 जोड़ों की शादियां कराई। इसी तरह 2019-20 में जहां अल्पसंख्यक वर्ग के 6040 लोगों के सरकार ने निकाह कराया तो वहीं पर अन्य पिछड़ा वर्ग के 15417, एससी/एसटी के तहत 23737 और सामान्य वर्ग की 1903 जोड़ों की शादियां हुई। 2020-21 में जहां अल्पसंख्यक वर्ग के 1878 लोगों के सरकार ने निकाह कराया तो वहीं पर अन्य पिछड़ा वर्ग के 6901, एससी/एसटी के तहत 13226 और सामान्य वर्ग की 775 जोड़ों की शादियां कराई। 2021-22 में जहां अल्पसंख्यक वर्ग के 5160 लोगों के सरकार ने निकाह कराया तो वहीं पर अन्य पिछड़ा वर्ग के 15256, एससी/एसटी के तहत 27155 और सामान्य वर्ग की 2073 जोड़ों की शादियां कराई।
इसी प्रकार 2022-23 में जहां अल्पसंख्यक वर्ग के 8096 लोगों के सरकार ने निकाह कराया तो वहीं पर अन्य पिछड़ा वर्ग के 31903, एससी/एसटी के तहत 57973 और सामान्य वर्ग की 2902 जोड़ों की शादियां कराई। 2023-24 में जहां अल्पसंख्यक वर्ग के 8535 लोगों के सरकार ने निकाह कराया तो वहीं पर अन्य पिछड़ा वर्ग के 33913, एससी/एसटी के तहत 56903 और सामान्य वर्ग की 5589 जोड़ों की शादियां कराई। जबकि 2024-25 में जहां अल्पसंख्यक वर्ग के 9381 लोगों के सरकार ने निकाह कराया तो वहीं पर अन्य पिछड़ा वर्ग के 31518, एससी/एसटी के तहत 49812 और सामान्य वर्ग की 4837 जोड़ों की शादियां कराई हैं।
निदेशक समाज कल्याण कुमार प्रशांत के अनुसार योजना के तहत एक ही छत के नीचे सभी वर्गों के बेटियों की शादी कराई जा रही है। इसमें पंडित जहां मंत्रोच्चार के बीच शादियां कराते हैं, वही कांजी या मौलवी निकाह पढाते हैं। उन्होंने कहा कि योजना के तहत सरकार जहां पहले 51 हजार एक जोड़े पर खर्च करती थी, वहीं अब इस धनराशि को बढ़ाकर एक लाख रुपया कर दिया गया है। इसमें 51 हजार नगद माध्यम से देने का प्राविधान है।

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