फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम (चेहरा प्रमाणीकरण ) पूरा नहीं होने पर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों पर होगी कठोर कार्यवाही

गोरखपुर(  दुर्गेश मिश्र) ।अनुपूरक पोषाहार वितरण के संदर्भ में सरकार द्वारा पारदर्शी व्यवस्था को लागू करने के लिए बाल विकास विभाग द्वारा एक जुलाई से अनिवार्य ऑनलाइन सिस्टम से चेहरा प्रमाणीकरण लागू किया गया है. 

लेकिन जुलाई महीने तक  यह प्रक्रिया शत प्रतिशत न हो पाने के कारण आंगनवाड़ियों के मानदेय रोकने हेतु बाल विकास परियोजना अधिकारियों के स्तर से नोटिस भी दिया गया 

जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ अभिनव कुमार मिश्रा ने सभी आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को समयबद्ध तरीके से चेहरा प्रमाणीकरण हेतु निर्देशित किया है, लेकिन कुछ विकास खंड में लाभार्थियों द्वारा भी चेहरा प्रमाणीकरण के प्रति रुचि नहीं दिखाई जा रही है साथ ही कुछ विकास खंड की कुछ आंगनबाड़ी कार्यकत्रियाँ भी इस संदर्भ में लापरवाही दिखा रही हैं. 

इस क्रम में जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा कम प्रगति वाले बाल विकास परियोजना अधिकारियों को समय-समय पर चेतावनी निर्गत किया गया है और मुख्य सेविकाओं को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है. 

 समीक्षा में ये अवगत हुआ है कि कुछ आंगनवाड़ी कार्यकत्रियाँ बार बार कहने पर भी इस संदर्भ में प्रयास नहीं कर रही हैं, उन्हें चिन्हित कर लिया गया है. उल्लेखनीय है कि यदि एफआरएस की प्रक्रिया पूर्ण नहीं की जाती है तो सिर्फ एफआरएस पूर्ण वाले लाभार्थियों हेतु ही पोषाहार आबंटित होगा, ऐसे में एफआरएस पूर्ण नहीं होने पर लाभार्थी पोषाहार से वंचित हो सकते हैं. 

ऐसी आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को अंतिम रूप से सचेत करते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ अभिनव मिश्रा ने कठोर कदम उठाने की बात की है. अगले दो दिनों में एफ़आरएस पूर्ण नहीं होने करने वाली कार्यकत्रियों का मानदेय बाधित किया जाएगा साथ ही इसके बाद भी लापरवाही होती है तो जिलाधिकारी के स्तर से  सेवा समाप्ति की कार्यवाही प्रारम्भ करने की बात की गई है.

उल्लेखनीय है कि जनपद में वर्तमान में 64 प्रतिशत लाभार्थियों का प्रमाणीकरण पूर्ण हो गया है, लेकिन अभी भी 35 प्रतिशत लाभार्थियों का प्रमाणीकरण शेष है और इस कार्य हेतु अंतिम तिथि 31 अगस्त निर्धारित की गई है.

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