नियमित टीकाकरण कार्यक्रम सुदृढ़ीकरण के लिए सीएमओ ने तय की जवाबदेही

गोरखपुर। जिले में पिछले दिनों हुई जिला स्वास्थ्य समिति की शासी निकाय की बैठक में नियमित टीकाकरण कार्यक्रम को लेकर जिलाधिकारी दीपक मीणा की ओर से दिए गए दिशा निर्देशों की बिंदुवार अनुपालना होगी। इसके लिए सीएमओ डॉ राजेश झा ने जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ जिले के सभी ब्लॉकों के अधिकारियों से वर्चुअल बैठक की। बैठक के दौरान उन्होंने ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों और जिला स्तरीय अधिकारियों की जवाबदेही भी तय कर दी। उन्होंने निर्देश दिया कि जिला स्तरीय एसीएमओ, डिप्टी सीएमओ, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारी और अन्य अधिकारी ब्लॉक स्तरीय नियमित टीकाकरण की बैठकों को खुद जाकर देखेंगे। साथ ही क्षेत्र में जाकर नियमित टीकाकरण कार्यक्रम की मॉनीटरिंग भी करेंगे। उन्होंने ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों से भी बैठक कर कार्यक्रम को सुदृढ़ बनाने का निर्देश दिया।

सीएमओ ने कहा कि यह सुनिश्चित करना होगा कि एएनएम द्वारा तैयार किया जाने वाला ड्यू लिस्ट सही बने। जहां पर नियमित टीकाकरण के सत्र लगने हैं वहां लाभार्थी समूह को पहले से ही सूचना दी जाए। टीकाकरण अधिकारी (आईओ) समय से टीकों का वितरण कर दें और कोल्ड चेन सहित अन्य तकनीकी चीजों को भी सुदृढ़ रखें। सभी लोग मिल कर जीरो डोज टीकाकरण की स्थिति को ठीक करें। मॉडल वीएचएसएनडी को मजबूत बनाएं ताकि इंजेक्शन लोड भी ठीक रहे और लोगों तक नियमित टीकाकरण कार्यक्रम का लाभ पहुंच सके। प्रत्येक वीएचएसएनडी सत्र पर लॉजिस्टिक्स पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहे और इसके लिए अनटाइड फंड से भी खरीददारी कर सकते हैं।

डॉ झा ने निर्देश दिया कि अपने क्षेत्र के निजी चिकित्सालयों में भी बर्थ डोज टीकाकरण शुरू कराया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों के जिन निजी अस्पतालों में संस्थागत प्रसव हो रहे हैं वहां के प्रबंधन को प्रेरित करें कि निःशुल्क बर्थ डोज टीकाकरण के लिए लाभार्थियों को सरकारी अस्पतालों में भेजें। यूविन पोर्टल पर नियमित टीकाकरण संबंधी डेटा को ठीक कराया जाए। ड्राप आऊट बच्चों के टीकाकरण के लिए आशा कार्यकर्ता गृह भ्रमण के दौरान लोगों के मन में बैठी भ्रांतियों को दूर करें। लोगों को बताएं कि कुछ टीकों के बाद बुखार आना सामान्य बात है और यह अपने आप ठीक हो जाती है। खराब प्रदर्शन करने वाली एएनएम को चिन्हित कर प्रभावी कार्रवाई की जाए। फीवर बिद रेशेज और एएफपी सर्विलांस का विशेष ध्यान रखा जाए।

सीएमओ ने कहा कि नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के साथ-साथ इस बात का भी ध्यान रखना है कि प्रत्येक गर्भवती की प्रथम त्रैमास में जांच हो जाए। आशा कार्यकर्ता गर्भवती की समय से पहचान कर उन्हें प्रसव पूर्वी सभी चार जांचों की सेवाओं से जोड़ें। गर्भवती टिटनेस डिप्थीरिया का टीका अवश्य लग जाए। सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्येक सत्र पर कम से कम छह से सात गर्भवती की जांच अवश्य हो जाए। नियमित टीकाकरण के लिए हेड काउंट सर्वे गुणवत्तापूर्ण हो और ई कवच पोर्टल, यूविन पोर्टल और ई-संजीवनी जैसे माध्यमों से अधिकाधिक आभा आईडी जेनरेट की जाए। इन कार्यों में डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ सहित अन्य सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधिगण की मदद ली जाए।

बैठक में जिला स्तर से जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ नंदलाल कुशवाहा, डिप्टी सीएमओ डॉ अनिल सिंह, डॉ राजेश कुमार, डॉ अश्विनी चौरसिया, डॉ एसके मिश्रा और डीसीपीएम रिपुंजय पांडेय प्रमुख तौर पर शामिल हुए।

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