तमिलनाडु का चेट्टियार समुदाय सदियों से कर रहा है बाबा विश्वनाथ की आरती सामग्री की आपूर्ति
वाराणसी, 31 अक्टूबर (वार्ता) श्री काशी विश्वनाथ का तमिलनाडु से 250 वर्षों से अधिक पुराना खास रिश्ता है। तमिलनाडु के चेट्टियार समुदाय द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर में आरती सामग्री की आपूर्ति पिछले ढाई सौ वर्षों से भी अधिक समय से नियमित रूप से की जा रही है। पूजन सामग्री में चंदन, फल, फूल, प्रसाद समेत अनेक चीजें शामिल होती हैं।
धार्मिक नगरी काशी शुक्रवार को दक्षिण भारत से रिश्तों को लेकर एक नया सांस्कृतिक इतिहास रचने जा रही है। श्री काशी नट्टुकोट्टई नगर सत्रम प्रबंधन सोसाइटी द्वारा 60 करोड़ रुपए की लागत से बनी धर्मशाला का उद्घाटन उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। उपराष्ट्रपति काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन भी करेंगे।श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा काशी में सदियों से चली आ रही बाबा विश्वनाथ की आरती से जुड़ी इस परंपरा को लेकर मई 2025 में 'कोविलूर टू काशी, नेशनल यूनिटी थ्रू श्री विश्वेश्वर' नाम से तीन भाषाओं हिंदी, अंग्रेजी और तमिल में 59 सेकंड का शॉर्ट फिल्म भी जारी किया गया था।
यह पहलगाम में सनातन धार्मिक पहचान देखकर की गई मजहबी बर्बरता के प्रतिउत्तर में था। ऑपरेशन सिंदूर के सफल क्रियान्वयन से उपजी अभूतपूर्व राष्ट्रीय चेतना के विशेष अवसर पर वीडियो लोकार्पित किया गया था।
न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण ने बताया कि काशी को 'लघु भारत' इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहां उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक की सभी मान्यताओं के मंदिर और परंपराएं काशी में जीवंत हैं। काशी से तमिलनाडु का पुराना और गहरा नाता है। काशी और तमिलनाडु भाषाई भिन्नताओं से ऊपर उठकर सनातन एकता का संदेश देते हैं।
.jpeg)
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें