सरकारी डेटा काे संभालने में सतर्कता जरुरी

सरकारी डेटा काे संभालने में सतर्कता जरुरी

सरकारी डेटा काे संभालने में सतर्कता जरुरी

नयी दिल्ली 27 जून (वार्ता) केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में सचिव अनिल मलिक ने सरकारी डेटा को संभालने में सतर्कता बरतने का आह्वान करते हुए कहा है कि संबंधित कर्मचारियों और कार्यकर्ताओं के लिए सुरक्षित प्रक्रियाओं और कार्यशैली से परिचित होना आवश्यक है।

श्री मलिक ने शु्क्रवार को यहां ‘साइबर सुरक्षा जागरूकता कार्यशाला’ को संबाेधित करते हुए कहा कि मौजूदा समय में काम का तौर तरीका संचार डिजिटल प्लेटफॉर्म के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है। इसलिए संवेदनशील डेटा को संभालने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए यह आवश्यक है कि इस लेकर सतर्कता बरती जायें और प्रचलित प्रक्रियाओं तथा कार्यशैली से परिचित रहा जायें। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी कर्मचारियों को संचार की अत्याधुनिक प्रक्रिया से परिचित होना चाहिए।

उन्होंने बताया कि पिछले एक दशक में केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय ने समावेशी विकास और कुशल सेवा वितरण के लिए प्रौद्योगिकी को अपनाया है। पोषण ट्रैकर ने 14 लाख आंगनवाड़ी केंद्रों में रिकॉर्ड को रीयल-टाइम डैशबोर्ड से बदल दिया है, जिससे 10 करोड़ से अधिक लाभार्थियों के लिए डेटा-संचालित निर्णय लेने और सेवा वितरण संभव हो गया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में पूरी तरह से कागज रहित, आधार-मोबाइल फोन आधारित डीबीटी प्रणाली से लाभार्थियों के बैंक खाते में सीधे धन भेजा जाता है। चेहरा पहचान प्रणाली - फेशियल रिकग्निशन से लाभार्थियों की सटीक पहचान सुनिश्चित होती है।

कार्यशाला में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अधिकारियों और कार्मिकों सहित इसकी सहायक संस्थाओं और स्वायत्त निकायों जैसे राष्ट्रीय महिला आयोग , सावित्रीबाई फुले राष्ट्रीय महिला एवं बाल विकास संस्थान, केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसके अलावा सरकार और उद्योग जगत के शीर्ष साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ, भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र और भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।


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