वाराणसी में देश का पहला अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे की तैयारी
वाराणसी, 30 जुलाई (वार्ता) मैक्सिको और बोलीविया के ला पाज के बाद काशी दुनिया के तीसरे शहर में शुमार होने जा रहा है, जहां सरकार अर्बन पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए देश के पहले रोपवे का निर्माण करा रही है। ऑस्ट्रिया के विशेषज्ञ इंजीनियरों की टीम द्वारा पहले सेक्शन के निर्माण के लिए 90 गंडोला का परीक्षण किया जा रहा है।ये परीक्षण रोपवे के प्रथम चरण के पहले सेक्शन का कैंट रोपवे स्टेशन से रथयात्रा रोपवे स्टेशन तक किया जा रहा है। 14 जुलाई से शुरू हुआ परीक्षण लगभग एक महीने तक चलेगा। पहले सेक्शन का कार्य सितंबर तक पूरा होना प्रस्तावित है।
नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड ( एनएचएलएमएल ) के अधिकारियों के मुताबिक रोपवे का कमीशनिंग या परीक्षण का काम चल रहा है। एक बार में तीन-तीन गंडोला को चलाया जा रहा है, रोपवे के कमीशनिंग में गंडोला ,मोटर, केबल, कंट्रोल सिस्टम ,सेफ्टी, स्पीड, ब्रेकिग आदि की जांच कर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि वह पूरी तरह सुरक्षित और ठीक से काम कर रहा है।
90 गंडोला को चलाकर परीक्षण किया जाएगा। कमीशनिंग का पूरा काम ऑस्ट्रिया की लाइटनर कंपनी के इंजीनियरों की टीम द्वारा किया जा रहा है।
प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, यह परीक्षण रोपवे संचालन के लिए एक महत्वपूर्ण चरण है। सुरक्षा के सभी मानकों के जांच के बाद ही रोपवे का संचालन सुनिश्चित होगा। विदेशी विशेषज्ञों की टीम वाराणसी में डेरा डाले हुए है।
काशी आने वाले पर्यटकों को प्रदूषण रहित परिवहन की अच्छी सुविधा मिल सके इसके लिए रोपवे का निर्माण कार्य तेजी से हो रहा है।
पहले सेक्शन में रोपवे का पहला स्टेशन,कैंट रोपवे स्टेशन ,दूसरा विद्यापीठ स्टेशन और तीसरा स्टेशन रथयात्रा होगा। दूसरे सेक्शन रथयात्रा से गोदौलिया तक कार्य भी तेजी से चल रहा है। इसके पूर्ण होने बाद कैंट से गोदौलिया तक हर डेढ़ से दो मिनट के अंतराल में यात्रियों को गंडोला उपलब्ध रहेगा।
एक दिशा में एक घंटे में 3000 लोग यात्रा कर सकेंगे। यानि 6,000 लोग दोनों दिशा से एक घंटे में आ जा सकेंगे। गोदौलिया से कैंट रेलवे स्टेशन पहुंचने में लगभग 16 मिनट लगेगा। लगभग 148 ट्रॉली कार चलेगी। एक ट्रॉली में 10 पैसेंजर सवार हो सकते है। रोपवे का संचालन 16 घंटे होगा।

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